Say Cheese :)
Friday, May 29, 2015
बन्दा
समझेगा वहाँ आदमी को कौन आदमी
बन्दा जहाँ ख़ुदा को ख़ुदा मानता नहीं
Sunday, May 24, 2015
परिंदा उड़ नहीं पाता...
अब जो रिश्तों में बंधा हूँ तो खुला राज़ ये मुझ पर,
कब परिंदे उड़ नहीं पाते हैं परों के होते।
Tuesday, May 19, 2015
बहुत मैं पछताया
पुख़्ता होते ही मर गयीं चीज़ें
बात कच्ची थी बात अच्छी थी
घर बना कर बहुत मैं पछताया
इससे खाली ज़मीन अच्छी थी
Sunday, May 10, 2015
फिर
फिर ये दिन इक शोला बनकर
बरस गया यादों की रग पर
Sunday, May 3, 2015
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं...
फिर वही ज़िन्दगी हमारी है...
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