Thursday, December 31, 2009

दिन, महीने, और साल


एक साल बदलता है।
एक सूरज डूबता है। एक सूरज निकलता है।
वक्त आगे बढ़ जाता है, बस बदलता नहीं।

दुनिया समझती है कि तारीख बदलने से दिन भी बदल जायेंगे।
और वो, जो दिन और तारीख का भेद समझते हैं
और ये भी कि दिन और तारीख में कोई भेद नहीं,
वो दुनिया की नासमझी पर हँसते हैं
और दुनिया की नासमझी पर रोते हैं।

कालो न यात: वयमेव यात:

नेति नेति

...

!!!

Monday, December 28, 2009

इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जायेगा

रूठ जाना तो मुहब्बत की अलामत है मगर
क्या खबर थी मुझसे वो इतना खफ़ा हो जायेगा

Sunday, December 27, 2009

देख रहा हूँ...

उसकी आँखों में भी काजल फैला है
मैं भी मुड़ के जाते-जाते देख रहा हूँ

कब यादों का ज़ख्म भरे, कब दाग मिटे
कितने दिन लगते हैं भुलाते, देख रहा हूँ


Some times, there are no pictures as descriptively intense as the heart might want...

Wednesday, December 23, 2009

एक टूटा हुआ सा थका आदमी

एक टूटा हुआ सा
थका आदमी
यूँही चलता हुआ
रहगुज़र पर कहीं
रुक गया पस्त होकर
वहीं गिर गया
यूँही चलता हुआ
रहगुज़र पर कहीं


These are the opening lines from one of my poems -
the only one that I wrote about myself.

Saturday, December 19, 2009

रिश्ते

पत्थर से हैं इन्सान के रिश्ते बड़े अजीब
किसी ने मारी ठोकर कोई जल चढ़ा गया

Wednesday, December 16, 2009

On my best friend's Birthday

May this always be a mirth-day for you :)
Remember that day - these flowers, those glasses??
May you have a million such merry memories to come :)

Saturday, December 12, 2009

Sometimes I feel like this...

कद्रदानों की तबीयत का अजब रंग है आज
बुलबुलों की ये हसरत कि वे उल्लू न हुए...

Tuesday, December 8, 2009