Friday, June 1, 2012

खिलौने

खिलौने 
होते नहीं 
केवल खिलौने। 
खिलौने होते हैं 
अक्सर निशां 
अपनी मुहब्बत के   
शरारत के 
सदाकत के
अदावत के
सजावट के
रुकावट के 
बगावत के
इनायत के
खिलाफ़त के
रियायत के 
रियासत के 
सियासत के
हिरासत के 
ज़ियारत के
निदामत के
नज़ाकत के
बसी होती है उनमें 
एक दुनिया 
अपने होने की 
खिलौने 
होते नहीं 
केवल खिलौने! 

The month of June - 
the month that has toyed 
with my life 
the maximum so far...
Dedicating this whole month 
of June 2012 to 
खिलौने, 
beginning today :)

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