Friday, April 10, 2015

मुझे जाना है इक दिन तेरी बज़्मे-नाज़ से आखिर


अभी फिर दर्द टपकेगा मेरी आवाज़ से आखिर 
अभी फिर आह उठेगी शिकस्ता साज़ से आखिर 


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