चूहे पर न लिखी गयी कविता
चूहे पर
नहीं
लिखी गयी
कोई कविता।
किसी भी कवि को,
किसी व्यक्ति को,
आया नहीं ख़याल -
छोटे से चूहे के
छोटे से
दिल का हाल
सोचा
न जाना
कोई बड़ा कवि।
चूहे से
कवि में
जागी
बस
वितृष्णा
चूहे को देखा
तो सोचा
ये सबने
चूहे पर कैसे
लिखे
कोई कविता।
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