Friday, February 21, 2014
Thursday, February 20, 2014
Wednesday, February 19, 2014
वसन्त - 15
कोई फूल खूबसूरत कब होता है?
जब उसे बगीचे या गुलदान में सजा कर रखा जाए तब?
क्या वो फूल खूबसूरत नहीं होता,
जो जंगल में कहीं गुमनाम सा खिला हो?
तुम्हें प्यार करना क्या ज़रूरी है कि
तुम्हारी अनुमति से ही किया जाए?
वो प्रेम क्या कम पवित्र होगा
जो जीवन भर तुम्हें समर्पित रहे -
बिना तुम्हारे प्रयास के,
बिना तुम्हारे जाने,
बिना तुम्हें पाने के प्रयास के!
Coccinia grandis, ivy gourd, Kundroo
Tuesday, February 18, 2014
Monday, February 17, 2014
Sunday, February 16, 2014
Saturday, February 15, 2014
Friday, February 14, 2014
Thursday, February 13, 2014
Wednesday, February 12, 2014
Tuesday, February 11, 2014
Monday, February 10, 2014
Sunday, February 9, 2014
Saturday, February 8, 2014
Friday, February 7, 2014
Thursday, February 6, 2014
Wednesday, February 5, 2014
वसन्त - 1
कल वसन्त का प्रथम दिवस था....
जानती हो ना कि वसन्त वो ऋतु है जिसमें प्रकृति स्वयं का श्रृंगार करती है - पुष्पों से.
सो मैं भी तुमको प्रतिदिन एक पुष्प अर्पित करूंगा.
अब यही थाती है जो तुमको अर्पित करूँ और तुम नकार न सको.
श्रद्धा-सुमन स्वीकार करना तो देवता की मजबूरी होती है ना.
जानती हो ना कि वसन्त वो ऋतु है जिसमें प्रकृति स्वयं का श्रृंगार करती है - पुष्पों से.
सो मैं भी तुमको प्रतिदिन एक पुष्प अर्पित करूंगा.
अब यही थाती है जो तुमको अर्पित करूँ और तुम नकार न सको.
श्रद्धा-सुमन स्वीकार करना तो देवता की मजबूरी होती है ना.
- कवि और कविता
Hibiscus rosa-sinensis
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