Saturday, February 15, 2014

वसन्त - 11

ये कागज़ के फूल हैं...
कल खिले थे जब तब भी सूखे थे
आज जब खुमार उतर गया,
तब भी सूखे हैं.
कागज़ के फूल 
ज़िन्दगी के फूल भी कहे जा सकते हैं!


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