Say Cheese :)
Tuesday, August 10, 2010
बज़्म-ए-ज़िन्दगी बकौल गालिब - 3
कलकत्ते
का
जो
ज़िक्र
किया
तूने
हमनशीं
इक
तीर
मेरे
सीने
में
मारा
के
हाये
हाये
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