Saturday, January 1, 2011

May this year too leave you wanting!!

खोल दे कुफ़्ल उम्र के ये बरस
भुला दे बंदिशें ज़माने की
और फिर भी ना कर सके पूरी
तेरी तमाम हसरतें ऐ दोस्त!
कि अगर पूरा कर लिया तूने
तमाम उम्र का हिसाब
इक बरस में ही
तो तू भी मेरी तरह
खोखला रह जायेगा

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