Saturday, December 31, 2022

रफ़्ता - रफ़्ता सब कुछ बदला

रफ़्ता - रफ़्ता ख़तम हुआ सब

ज़र्रा - ज़र्रा वो आशियाना जला 


Waise nazm to lambi thee thodi, lekin sab kuch na kahne ki aadat... khair! 


Saturday, December 24, 2022

एक तितली दर पे ऑफिस के मेरे

एक तितली 

दर पे ऑफिस के मेरे

रोकती है मुझको

दूर जाने से