Few days back, I went to a place to teach some sessions.
Their guest house had these sparrow-huts.
Sparrows were nesting and chirping all over the place.
Best thing I saw in a long while!
पूरी नज़्म सुनोगी, मेरी आवाज़ में ? अब कैसे सुनोगी, जब सारे पुल ही जला दिए तुमने?
खैर, कभी दिल भटक जाए तो मैं तुमको पुल के उसी वीरान किनारे पर मिलूंगा, जहाँ सब कुछ जल चुका है।।
The place where we met for the first time, oh my dearest bird, is gone forever now!
And all the rest of the places too!
विष्णुपद मंदिर, जहाँ भगवान् विष्णु ने गयासुर को पद-पराजित किया।
जहाँ लोग पिंड-दान हैं अपने पितरों की मुक्ति के लिए।
क्या ऐसा हो सकता है कि अतृप्त पितरों को मुक्ति देने की तरह ही अतृप्त प्रेम का भी श्राद्ध किया जा सके ?
अधूरे प्रेम से मुक्ति का संभवत: ये अंतिम उपाय बचा है।