Saturday, April 21, 2012

दुष्यन्त कुमार की कलम - 10

भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ 

आजकल दिल्ली में है ज़ेर-ए-बहस ये मुदद्आ।



गिड़गिड़ाने का यहां कोई असर होता नही 
पेट भरकर गालियां दो, आह भरकर बददुआ ।



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