Monday, October 15, 2012

दो जूतों की एक कहानी...


चार मरासिम से वाबस्ता 
तीन बरस पुराना  
दो जूतों का 
एक फ़साना  
सिफ़र है जिसका 
हासिल आखिर 
पूछ के फिर क्या 
दिल को दुखाना। 

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