Sunday, June 19, 2016

चीर निशा का वक्ष पुनः चमकेगा दिनकर

जिस दिन ये ब्लॉग बंद किया था, वो दिन भी विशेष था और आज का भी.
दिन सारे वो भी विशेष थे जो बीच में गुज़रे,
और वो भी जो बीच में आये बिन गुज़रे!

तुमने इतने दिन मेरी प्रतीक्षा में बिताए, इसका धन्यवाद! 
और अगर तुमने मेरी प्रतीक्षा नहीं भी की तो भी धन्यवाद!