Wednesday, June 12, 2024

चिड़ियों सा प्रेम

मेरा प्रेम 

दूर गगन में 

उड़ती चिड़ियों सा 

होता है।   


किसी रीत को माने बिन वो, 

सभी लीक का बंधन तोड़े, 

उड़ता तेरी ओर  सदा ही

तेरी छाया में सुस्ताने 

तेरी आँखों का जल पीने 

तेरे वक्षस्थल में कुछ 

दाने चुग लेगा, 

लेकिन तेरे बंधन से भी 

बंधना चाहे नहीं जो ऐसा 

मेरा प्रेम 

दूर गगन में 

उड़ती चिड़ियों सा 

होता है।


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