Say Cheese :)
Wednesday, March 19, 2025
बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
देखा नहीं जाता है मगर देख रहा हूँ
रहमत का चमकने को है फिर नैयिर-ए-ताबां
होने को है इस शब की सहर देख रहा हूँ
Thursday, March 6, 2025
Figure the figs
तुम्हारे साथ देखा था जो मंज़र
अब नहीं दिखता,
तुम्हारे बिन है सब बंजर
रब नहीं दिखता !
Wednesday, February 26, 2025
हर हर महादेव
Friday, February 14, 2025
अनुराधा से इन्द्राणी तक पसरा हुआ प्रेम
Wednesday, January 22, 2025
स्वप्न से सत्य तक
Friday, January 10, 2025
Sshhhhh... Listen to the past!!
Wednesday, January 1, 2025
मेरी भी आभा है इसमें
नए गगन में
नया सूर्य
जो चमक रहा है
मेरी भी
आभा है इसमें
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