Friday, February 21, 2014

वसन्त - 17

फिर सुबह होगी 
और फिर शाम होगी. 
फिर तुम्हारे साथ, 
तुम्हारी तस्वीरों के साथ, 
और तुम्हें भूल जाने की 
झूठी कोशिश के साथ
ज़िन्दगी गुज़र होगी...

तुम खुश रहना... 
ज़िन्दगी रही 
तो अगले वसन्त में 
फिर से मिलेंगे. 

Purple heart or Tradescantia pallida

No comments: